शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010

Hindi Group

This blog is create for hindi prachar

1 टिप्पणी:

  1. हिंदी हमारी माता है. इस से विमुख होने का मतलब है अपनी माता से मुह मोड़ना. हमारी क्षेत्रीय भाषा हमें बहुत प्यारी है. परन्तु हमें दोनों मैं समन्वय स्थापित करना होगा. हम किसी को भी नहीं छोड़ सकते. न ही छोड़ना चाहिए. आज कुछ लोग हिंदी का विरोध कर रहे हैं केवल इस लिए कि वे भारत मैं अंग्रेजी थोपना चाहते हैं. भले ही उन को अंग्रेजी का ज्ञान न हो. हमें विरोध किसी भी भाषा का नहीं करना हमें तो हिंदी का समर्थन करना है. हिंदी के साथ साथ हम सभी भाषाएँ सीख सकते हैं. आज नर्सरी से लेकर दसवीं तक जो समय और ध्यान बच्चों का अंग्रेजी के ज्ञान बढ़ाने मैं लगता है उस संसाधन से हम बाकि के सभी विषयों को पूरी तरह आत्मसात कर सकते हैं. आज जैसे अन्य विदेशी भाषा जर्मन रूसी जापानी फ्रेंच आदि हम लोग ६ महीने से १ वर्ष के अंदर सीख लेते हैं उसी प्रकार अंग्रेजी भी दसवीं के बाद सीख सकते हैं. १ वर्ष के कार्य के लिए १० वर्ष बर्बाद करना क्या बुद्धिमानी है. ........ आज इतना ही फिर मिलेंगे और ढेरों बातें करेंगे. अपनी प्रतिक्रिया अवश्य भेजें. धन्यवाद. ... ... कमल स्वामी @ जीमेल.com

    जवाब देंहटाएं